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प्रकाशन के नियम

अपनी किताब प्रकाशित करवाएँ

यदि आप लिखते हैं और आप अपना लिखा हिंद युग्म से प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो हिंद युग्म से प्रकाशन की प्रक्रिया बहुत सरल है।

 

हिंद युग्म किन-किन विधाओं में किताबें प्रकाशित करता है?

  • कथा (Fiction)- जैसे कहानी-संग्रह, लघुकथा-संग्रह, उपन्यास, विज्ञान-गल्प, मिथक, फँतासी साहित्य इत्यादि
  • कथेतर (Non-fiction)- जैसे सेल्फ़-हेल्प (जीवनोपयोगी साहित्य), जीवनी-आत्मकथा, राजनीतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक तथ्यपरक साहित्य, यात्रा-वृत्तांत, व्यंग्य साहित्य, ट्रू-्एकाउंट, संस्मरण इत्यादि।
  • कविता (Poetry)- कविता, गीत, ग़ज़ल समेत कविता की तमाम विधाओं की पुस्तक
  • अनुवाद (Translation)- भारतीय तथा विदेशी भाषाओं के साहित्य का हिंदी अनुवाद
  • अन्य- इसके साथ-साथ यदि आपकी रुचि कुछ अलग लिखने की है, तो भी आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

आपको क्या करना है?

    • टंकित पांडुलिपि तैयार करना- वैसे तो इन दिनों ज़्यादातर लेखक अपने लैपटॉप या मोबाइल में ही अपनी रचनाएँ टंकित कर लिखते हैं। लेकिन हाथ से पेपर पर लिखने वाली संख्या भी काफ़ी है। यदि आप अपनी हस्तलिपि में लिखते हैं तो भी उसे कंप्यूटर पर टंकित कर लें। कोशिश करें कि आप अपनी पांडुलिपि ख़ुद ही टंकित करें। इससे आपको दो लाभ होंगे। पहला तो आपको हिंदी में कंप्यूटर/मोबाइल पर लिखना आ जाएगा, जिसका इस्तेमाल आप भविष्य में अपनी ही किताब को ऑनलाइन प्रचारित-प्रसारित करने में कर पाएँगे। दूसरा, आपके स्वयं के टाइप करने से टाइपिंग (टंकण) की ग़लतियाँ कम होंगी। अपनी प्रस्तावित किताब की पांडुलिपि MS Word में तैयार करें और टंकण के लिए युनिकोड (मंगल फ़ॉन्ट) का इस्तेमाल करें। यदि आप युनिकोड में टाइप नहीं कर पाते। आप किसी लिगेसी फ़ॉन्ट (जैसे कृतिदेव, चाणन्य, वाकमैन-चाणक्या, शिवा, शुषा इत्यादि) में लिखते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। आप इस रूप में भी अपनी पांडुलिपि जमा कर सकते हैं।
    • त्रुटिरहित पांडुलिपि- हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपकी पांडुलिपि में भाषा और व्याकरण की ग़लतियाँ कम रहेगी तो संपादकों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालाँकि हर प्रकाशक की संपादकीय टीम प्रकाशन-पूर्व भाषा और व्याकरण की विसंगतियाँ ठीक करने का प्रयास करती है, फिर भी आपकी पांडुलिपि में यह जितना कम होगा, उसका काम उतना आसान और बेहतर होगा।
    • विचारार्थ पांडुलिपि भेजना- आपको MS Word या pdf फ़ॉरमेट में अपनी पांडुलिपि नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजनी होगी। हिंद युग्म डाक द्वारा पांडुलिपि स्वीकार नहीं करता। अपनी हस्तलिखित पांडुलिपि की स्कैन्ड कॉपी भी कृपया न भेजें। उस प्रारूप में प्राप्त पांडुलिपियों पर विचार नहीं किया जाएगा।

sampadak@hindyugm.com

विचारार्थ पांडुलिपि में क्या शामिल हो?

  • कहानी-संग्रह के लिए- यदि आप कहानी-संग्रह की पांडुलिपि भेजना चाहते/चाहती हैं तो अपनी 2-3 कहानियाँ और अन्य कहानियों का अधिकतम 50-50 शब्दों का सारंभ भेजें।
  • उपन्यास के लिए- उपन्यास का शुरुआती 30% या शुरुआती 50 पृष्ठ (इनमें से जो अधिक हो) भेजें। इसके साथ ही उपन्यास का अधिकतम 200 शब्दों का सारांश भेजें।
  • नॉन-फ़िक्शन के लिए- प्रस्तावित पुस्तक के 2-3 अध्याय, साथ में किताब की रूपरेखा, विषय-सूची और शेष अध्यायों के 50-50 शब्दों के सारांश भेजें।
  • कविता की किताब के लिए- अपनी लगभग 10 प्रतिनिधि रचनाएँ (कविताएँ या ग़ज़लें या गीत, या जिस भी प्रकार की कविता लिखते/लिखती हों) भेजें।
  • इसके साथ ही- उपर्युक्त 4 बिंदुओं के अलावा पांडुलिपि के साथ अपना परिचय (जीवन परिचय, शिक्षा-दीक्षा इत्यादि) भी अवश्य भेजें।

आपको हिंद युग्म की प्रतिक्रिया कब और कैसे प्राप्त होगी?

  • विचारार्थ पांडुलिपि प्राप्त होने के पश्चात हिंद युग्म से अधिकतम 48 घंटों में प्राप्ति की सूचना (ईमेल द्वारा) प्राप्त होगी।
  • कविता की किसी पांडुलिपि पर हमारे संपादकों की प्रतिक्रियाएँ प्राप्त होने में कम-से-कम 10 दिन और अन्य विधाओं की पांडुलिपि पर हमारे संपादकों की प्रतिक्रियाएँ मिलने में कम-से-कम 4 सप्ताह का समय लगता है।
  • संपादकों की प्रतिक्रियाएँ मिलने के बाद हिंद युग्म आपसे आपके मेल पर संपर्क करेगा।
  • सभी पत्रोत्तर ईमेल द्वारा ही किए जाएँगे।
  • पांडुलिपि के मूल्यांकन में लगने वाले समय से पूर्व जमाकर्ता के ईमेल का जवाब नहीं दिया जाएगा।
  • यदि आपने विचारार्थ कविताएँ जमा की है और आपको 10 दिनों में हमारी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती तो कृपया हमें ईमेल पर ही सूचित करें। यदि आपने विचारार्थ ग़ैरकविता-पांडुलिपि जमा की है और हमारी ओर से आपको 4 सप्ताह में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती तो कृपया हमें ईमेल करें।

प्रकाशन में लगने वाला समय

संपादकों द्वारा किसी पांडुलिपि को प्रकाशन की स्वीकृति मिलने के बाद, उस पुस्तक को छपकर बाज़ार तक पहुँचने में कम-से-कम 6 महीने का समय लगता है।

कृपया ध्यान दें

प्रकाशन से संबंधित किसी भी क़िस्म के सवाल या शंका-निवारण के लिए कृपया हमें ईमेल ही करें। फ़ोन पर इस विषय में जानकारी नहीं दी जाएगी।